जीत के भाषण में मार्क कार्नी ने इमिग्रेशन के मुद्दे से किया परहेज
कनाडा के एक इमिग्रेशन विश्लेषक दर्शन महाराजा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ”उन्होंने अभी तक आव्रजन के मुद्दे पर कोई खास बात नहीं की है। संभावना है कि वे मौजूदा नीति में कोई बदलाव नहीं करेंगे।” उन्होंने कहा, “इस समय कनाडा के सामने सबसे बड़ा मुद्दा अमेरिका के साथ टैरिफ युद्ध है, इसलिए आव्रजन मुद्दे पर उन पर दबाव डाले जाने की संभावना नहीं है।”
अपनी जीत के भाषण में कार्नी ने इमिग्रेशन पर चर्चा करने से परहेज किया, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार युद्ध और कनाडा के अमेरिका का 51वां राज्य बनने के सुझाव पर उन्होंने कहा, ”बिल्कुल नहीं!”
भारतीय नागरिकों सहित निवासियों की बढ़ सकती है जीवन-यापन की लागत
अमेरिका स्थित लॉ फर्म फ्रैगोमेन के एक पार्टनर जैक किम ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि टैरिफ से कनाडा में काम करने वाले या पढ़ाई करने वाले भारतीय नागरिकों सहित सभी निवासियों के लिए जीवन-यापन की लागत बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा, “कुछ उद्योगों में टैरिफ और जवाबी टैरिफ दोनों के कारण छंटनी हो सकती है या राजस्व की हानि हो सकती है, जिससे रोजगार के अवसर कम हो सकते हैं।” हालांकि, किम ने कहा कि आव्रजन प्रतिबंधों को सीधे टैरिफ से नहीं जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा, “हमने अन्य जगहों पर ऐसे मामले देखे हैं, जहां आव्रजन आवेदनों की गहन जांच का इस्तेमाल सौदेबाजी के साधन के रूप में किया गया। हम निगरानी कर रहे हैं कि क्या कनाडा में भी ऐसा हो सकता है, लेकिन अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है। टैरिफ का अब तक आव्रजन या स्थायी निवास के रास्ते पर बहुत कम प्रभाव पड़ा है, हालांकि 2025 में कनाडा की आर्थिक स्थिति के आधार पर इसमें बदलाव हो सकता है।”
भारत के साथ कनाडा के संबंध सुधारना चाहते हैं मार्क कार्नी
कार्नी ने भारत के साथ संबंध सुधारने की इच्छा भी जताई है, जो उनके पूर्ववर्ती जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में बिगड़ गए थे। सितंबर 2023 में ट्रूडो की ओर से यह आरोप लगाए जाने के बाद कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट शामिल थे, दोनों देशों के बीच संबंध निम्नतम स्तर पर पहुंच गए। भारत ने आरोपों को ‘निराधार’ बताते हुए इनकार किया था।
बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर कार्नी नई दिल्ली सहित अन्य देशों के साथ ओटावा के व्यापारिक संबंधों में विविधता लाना चाहते हैं। अपने चुनाव से पहले कार्नी ने कैलगरी में एक मीडिया बातचीत में कनाडा पर अमेरिकी टैरिफ पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा था, “कनाडा समान विचारधारा वाले देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों में विविधता लाने की कोशिश करेगा और भारत के साथ संबंधों को फिर से बनाने के अवसर हैं।”
कनाडा के प्रयास पर क्या होगा भारत का रुख?
रिपोर्ट के मुताबिक, रिश्ते सुधारने के किसी भी प्रयास का नई दिल्ली की ओर से स्वागत किए जाने की संभावना है, विशेष रूप से इसलिए क्योंकि ट्रंप की टैरिफ धमकियां दोनों देशों को प्रभावित करती हैं। चूंकि कनाडा भारतीय प्रवासियों के लिए एक प्रमुख गंतव्य है, इसलिए भारत नई सरकार पर आव्रजन प्रतिबंधों और वीजा नीतियों के संबंध में दबाव भी डाल सकता है।
2023 से ट्रूडो सरकार ने आवास की कमी, जीवन-यापन की लागत और श्रम बाजार के दबावों पर चिंताओं का हवाला देते हुए आव्रजन को नियंत्रित करने के उपाय पेश किए हैं।