Makar Sankranti 2025 Til Laddu: मकर संक्रांति पर क्यों बनाए जाते हैं तिल के लड्डू? पौराणिक कथा में मिलता है वर्णन, यहां जानें सबकुछ

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Makar Sankranti 2025 Til Gud Ke Laddu: मकर संक्रांति को हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में गिना जाता है. जिसे बड़े ही हष्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस साल 14 जनवरी मंगलवार को 9 बजकर 3 मिनट पर भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे. ऐसे में 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. इस दिन को लेकर काफी मान्यताएं हैं. जैसे- मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाना व इस पर्व पर विशेष रुप से तिल-गुड़ के लड्डू बनाए जाते हैं.

जी हां, मकर संक्रांति पर लगभग हर घर में तिल-गुड़ के लड्डू बनाए जाते हैं. कहा जाता है कि तिल के लड्डू बनाना शुभ माना जाता है. तिल के लड्डू ना सिर्फ स्वाद बल्कि सेहत के लिए भी काफी अच्छे माने जाते हैं. वहीं मकर संक्रांति के दिन तिल के लड्डडू बनाने के पीछे धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक तीनों कारण छिपे हैं. तो आइए पंडित रमाकांत मिश्रा से जानते हैं कि मकर संक्रांति पर क्यों विशेष रुप से बनाए और खाए जाते हैं तिल के लड्डू

क्यों बनाए जाते हैं मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू?
मकर संक्रांति के दिन तिल-गुड़ के लड्डू बनाने के पीछे धार्मिक, आध्यात्मिक और स्वास्थ्य इन तीनों कारणों का भेद है. बता दें कि तीनों ही दृष्टि से इसे शुभ माना जाता है. धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ के लड्डूओं का दान करना बेहद पुण्यदायी माना जाता है. वहीं इसके पीछे के पौराणिक कथा भी प्रचलित है, जो हमें मकर संक्रांति के दिन तिल-गुड़ के लड्डूओं का महत्व बताती है.

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पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार सूर्ददेव अपने पुत्र शनि से काफी क्रोधित हो गए थे. सूर्य देव इतने क्रोधित हो गए थे कि उन्होंने अपने तेज से शनि देव का कुंभ राशि वाला घर जला दिया था. इसके बाद शनि देव ने अपने पिता से माफी मांगी. फिर जाकर भगवान सूर्य का क्रोध शांत हुआ. क्रोध शांत होने के बाद सूर्य देव ने शनि देव से कहा कि जब भी उनका प्रवेश मकर राशि में होगा, तो वो घर धन-धान्य और खुशियों भर जाएगा.

मकर राशि शनि देव का एक और अन्य घर माना जाता है. इसके बाद जब भगवान सूर्य शनि देव के घर में प्रवेश कर पहुंचे तो पुत्र शनि ने अपने पिता सूर्यदेव का तिल से पूजा कर स्वागत किया, साथ ही शनि देव ने अपने पिता को तिल और गुड़ खाने के लिए दिया.

चूंकि शनिदेव का कुंभ वाला घर जल गया था. कुंभ के जलने के बाद वहां सबकुछ जलकर खाक में तब्दील हो चुका था, परन्तु काला तिल जस का तस रखा हुआ था. सूर्य के घर पधारने के बाद शनि देव ने उनकी पूजा काले तिल से की. इसी से सूर्यदेव काफी प्रसन्न हुए. तब से मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन जो तिल से सूर्यदेव की पूजा करेगा उसे सूर्य के आशीर्वाद के साथ-साथ शनिदेव का भी आशीर्वाद मिलेगा. ज्योतिष दृष्टि से यही कारण है कि मकर संक्रांति पर तिल के लड्डू बनाने और खाने की परंपरा है. यही कारण है कि मकर संक्रांति पर तिल का विशेष महत्व माना जाता है.

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मकर संक्रांति पर तिल का दान
मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसके साथ ही उत्तरायण की शुरुआत होती है. इस दिन से शुभ व मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है. इसके अलावा मान्यता है कि संक्रांति के दिन तिल का दान महादान माना जाता है, बहुत पुण्यकारी माना जाता है. इसलिए इस दिन तिल के लड्डू खाने के साथ-साथ दान करने का भी काफी महत्व होता है.

Tags: Dharma Granth, Makar Sankranti, Religion



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