सोने में 23 अप्रैल को बड़ी गिरावट आई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड का भाव 1-2 फीसदी तक टूटा। इंडिया में भी गोल्ड फ्यूचर्स में बड़ी गिरावट देखने को मिली। इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान है। वह फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल को हटाने की अपनी धमकी से पीछे हटते दिखें। उन्होंने चीन के साथ भी टैरिफ के मसले पर समझौते की उम्मीद जताई है। इसका असर गोल्ड पर पड़ा है।
देश और विदेश में सोने में बड़ी गिरावट
23 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड (Spot Gold) 0.7 फीसदी गिरकर 3,357.11 डॉलर प्रति औंस था। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स 1.5 फीसदी फिसल कर 3.366.80 डॉलर प्रति औंस था। इंडिया में भी गोल्ड फ्यूचर्स में नरमी दिखी। कमोडिटी एक्सचेंज MCX में गोल्ड फ्यूचर्स (Gold Futures) सुबह के कारोबार में 1398 रुपये यानी 1.44 फीसदी गिरकर 95,960 रुपये प्रति 10 ग्राम पर चल रहा था। गोल्ड में गिरावट में मुनाफावसूली का भी हाथ है।
अगले साल 4000 डॉलर पर होगा सोना
सोना ने 22 अप्रैल को नया रिकॉर्ड बनाया था। इसका भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में 3,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया था। आगे सोने को ट्रेंड को लेकर एक्सपर्ट्स की राय बंटी हुई है। JP Morgan का मानना है कि गोल्ड में तेजी जारी रहेगी। अगले साल तक इसका भाव 4000 डॉलर प्रति 10 ग्राम पार कर जाएगा। लेकिन, कुछ एनालिस्ट्स का कहना है कि शॉर्ट टर्म में गोल्ड में करेक्शन आ सकता है। ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के सीनियर एनालिस्ट मानव मोदी ने कहा कि गोल्ड में बड़ी तेजी आ चुकी है। अब कुछ प्रॉफिट बुकिंग देखने को मिल सकती है।
एक्सपर्ट्स की सलाह
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड नहीं है तो आपको इसे शामिल करना चाहिए। पोर्टफोलियो में 10-15 फीसदी गोल्ड की हिस्सेदारी होनी चाहिए। आप गोल्ड में गिरावट के हर मौके का इस्तेमाल खरीदारी के लिए कर सकते हैं। रिटेल इनवेस्टर्स को गोल्ड की कीमतों में उतारचढ़ाव पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है। उन्हें लंबी अवधि के लिहाज से गोल्ड में निवेश करना चाहिए। लंबी अवधि में गोल्ड से अच्छी रिटर्न मिलने की उम्मीद है।
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आपको क्या करना चाहिए?
इनवेस्टर्स गोल्ड ईटीएफ या म्यूचुअल फंड की गोल्ड स्कीम के जरिए सोने में निवेश कर सकते हैं। हर महीने SIP के रास्ते गोल्ड में फिक्स्ड अमाउंट निवेश करना सबसे अच्छा होगा। इससे कुछ सालों में गोल्ड में आपका निवेश अच्छे लेवल पर पहुंच जाएगा। इससे आपका पोर्टफोलियो भी डायवर्सिफायड हो जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टमेंट पोर्टपोलियो में इक्विटी, डेट और गोल्ड जैसे अलग-अलग एसेट का होना जरूरी है।